हमारे बारे में

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हिन्दी दैनिक 'अमृत संदेश' छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक लोकप्रिय समाचार पत्र है। अविभाजित मध्यप्रदेश में भी यह समाचार पत्र लोगों के बीच सर्वाधिक पढ़े जाने वाला अखबार माना जाता था। वरिष्ठ पत्रकार गोविन्दलाल वोरा ने रायपुर (वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी) से 1 अक्टूबर 1984 को 'अमृत संदेश' का प्रकाशन शुरू किया था। तब से आज पर्यंत तक यह समाचार पत्र अपनी लोकप्रियता के दम पर लगातार नई बुलंदियों को छू रहा है। संस्थापक प्रधान संपादक गोविन्दलाल वोरा के नेतृत्व में 'अमृत संदेश' श्वेत-श्याम से शुरू हुआ था, जो आज नए कलेवर और नए तेवर के साथ लोगों के बीच पहुंच रहा है। 'अमृत संदेश' का सामाजिक, साहित्यिक तथा राजनैतिक क्षेत्र में अहम योगदान रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बनाने में भी अखबार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अखबार ने जनसमूह के स्वर को प्रतिबिम्बित कर अपना अमूल्य योगदान दिया है।

समाचार पत्र का दूसरा पड़ाव 2003 रहा, जब 'अमृत संदेश' नए कलेवर के साथ श्वेत-श्याम से रंगीन हो गया। यह वह दौर था जब नई मंजिल तक पहुंचने का लक्ष्य सामने रख उस दिशा में कदम बढ़ाने का दौर प्रारंभ हुआ। प्रगति के कदम तो कभी रुकते नहीं। निष्पक्ष, निर्भिक, स्वच्छ तथा विश्वसनीय पत्रकारिता के मंतव्य सामने रख जो कार्य 1984 में शुरू किया था, वही लक्ष्य आज भी हमारे सामने है। समाचार पत्र के प्रति विश्वसनीयता सबसे बड़ी पूंजी होती है और 'अमृत संदेश' इस पूंजी को अभी तक संजोकर रखा है। जनसमस्याओं को सामने लाना, रचनात्मक आलोचना करना। साथ ही प्रतिभाओं को सामने लाकर उनका सही मूल्यांकन कराने का दायित्व 'अमृत संदेश' बखूबी निभा रहा है। अखबार की साज-सज्जा, समाचार प्रस्तुतिकरण और समाचार लेखन से कभी समझौता नहीं किया।

आज हमारे प्रेरणास्रोत संस्थापक प्रधान संपादक गोविन्दलाल वोरा हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी कही गई एक-एक बातें हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।